दिल्ली का लाल किला किसने बनवाया था (Delhi Ka Lal Kila Kisne Banwaya Tha) – दिल्ली का लाल किला न सिर्फ वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है, बल्कि भारतीय इतिहास की कुछ सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह भी रहा है। इस इमारत को किला-ए-मुबारक जैसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है।
लाल किले समेत भारत की करीब 26 प्राचीन इमारतों को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। लाल किले के बारे में कई तरह की बातें प्रचलित हैं।
दिल्ली का लाल किला किसने बनाया था और कब (Delhi Ka Lal Kila Kisne Banaya Tha)
लाल किला पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1648 में बनवाया था। लाल किले को बनने में लगभग 10 वर्षों का समय लगा था। लाल किला काफी बड़ा है, इसे पूरा देखने के लिए 3 से 4 घंटे का समय आपके होना चाहिए। लेकिन शाम के समय घूमना बेहतर है क्योंकि आप “लाइट एंड साउंड” का मजा ले सकते हैं।
किले में दो द्वार (गेट) हैं जिनका नाम दिल्ली दरवाजा और लाहौर दरवाजा है। लाहौरी गेट मुख्य द्वार है जो काफी ऊंचा है, इसके अंदर चट्टा चौक नामक बाजार है। इस बाजार में सामान के दाम 2-3 गुना अधिक बताए जाते हैं, लेकिन सौदेबाजी करके उन्हें कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। दक्षिण में स्थित द्वार (गेट) को दिल्ली द्वार कहा जाता है।
कम ही लोग जानते होंगे कि लाल किले का रंग पहले सफेद हुआ करता था। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने लाल किले का रंग बदलकर लाल कर दिया। ब्रिटिश सरकार ने इसका नाम रेड फोर्ट रखा, जिसका हिंदी अनुवाद लाल किला है।
1857 से 1947 तक इस पर ब्रिटिश सेना का कब्जा था, जो ब्रिटिश सेना का मुख्यालय हुआ करता था। ब्रिटिश सेना ने कई इमारतों को नष्ट कर दिया और सेना के रहने के लिए उन्हें उपयुक्त बनाने के लिए कई बदलाव किए।
मुगल वंश के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर को लाल किले में कैद कर दिया गया था और यहीं से मुकदमा चलाया गया था। स्वतंत्रता के बाद, लाल किले पर पूरी तरह से भारतीय सेना का नियंत्रण था और 2003 तक यह एक सेना कार्यालय हुआ करता था।
22 दिसंबर 2003 को भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के समय में भारतीय सेना ने लाल किले से अपने कार्यालय को हटाकर पर्यटन विभाग को सौंप दिया था। लाल किले को 2007 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।
दिल्ली लाल किले का समय
- लाल किला घूमने का समय – सुबह 7:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक
- खुलने का दिन – मंगलवार से रविवार
- साप्ताहिक अवकाश – सोमवार
- पूर्ण भ्रमण के लिए आवश्यक समय – 2-3 घंटे
- प्रवेश शुल्क – 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं, जबकि भारतीय नागरिकों, सार्क और बिम्सटेक देशों के नागरिकों के लिए 10 रुपये और विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपये।
- लाल किला घूमने के लिए सबसे अच्छा समय – नवंबर से फरवरी
- नजदीकी मेट्रो स्टेशन – लाल किला (वायलेट लाइन), चांदनी चौक (येलो लाइन)
- लाल किला लाइट एंड साउंड शो टिकट – सप्ताह के दिनों में (वयस्कों के लिए 60 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये), सप्ताहांत और सार्वजनिक अवकाश (वयस्कों के लिए 80 रुपये और बच्चों के लिए 30 रुपये।
लाल किले का इतिहास (Lal Kile Ka Itihas)
पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1648 में लाल किले का निर्माण करवाया था, जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय किया था।
49.1815 हेक्टेयर (256 एकड़) में फैले, दिल्ली के लाल किले के परिसर में 1546 में इस्लाम शाह सूरी द्वारा बनाया गया बगले का पुराना किला सलीमगढ़ शामिल है। इस विशाल दीवार वाली संरचना को पूर्ण होने में लगभग एक दशक (10 वर्ष) का समय लगा। शाहजहाँ के दरबार के उस्ताद हामिद व उस्ताद अहमद ने इसका निर्माण 1638 में शुरू किया और 1648 में इसे पूरा किया।
विश्व धरोहर स्थल है दिल्ली का लाल किला
2007 में लाल किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। लाल किले को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल व अवशेष अधिनियम, 1959 के तहत राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी घोषित किया गया है और लाल किले का प्रबंधन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है। अब लाल किले में संग्रहालय हैं।
लाल किले के बारे में मुख्य तथ्य
लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। यह परंपरा 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद से चली आ रही है।
इस इमारत का मूल नाम किला-ए-मुबारक था। इसकी विशाल लाल बलुआ पत्थर की दीवारों के कारण अंग्रेजों ने इसका नाम रेड फोर्ट रख दिया, जबकि स्थानीय लोगों ने इसका अनुवाद लाल किला के रूप में किया।
चूंकिलाल बलुआ पत्थर की पर्याप्त आपूर्ति दिल्ली में नहीं थी, इसलिए किला मूल रूप से चूना पत्थर से बनाया गया था। समय के साथ, इसे बाद में अंग्रेजों ने लाल रंग में रंग दिया।
अंग्रेजों ने अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर पर लाल किले में राजद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया, जिसके बाद उन्हें रंगून (अब म्यांमार) भेज दिया गया।
लाल किला के अंदर क्या -क्या है?
लाल किला के अंदर है –
- मोती मस्जिद
- हयात बख्श बाग
- छत्ता चौक
- मुमताज महल
- रंग महल
- खास महल
- दीवान-ए-आम
- दीवान-ए-खास
- हीरा महल
- प्रिंसेस क्वार्टर
- टी हाउस
- नौबत खाना
- नहर-ए-बिहिश्तो
- हमाम
- बाओली
लाल किले के बारे में रोचक तथ्य
13 मई 1638 को मोहर्रम के दिन अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली बदलते समय शाहजहाँ ने एक किला बनाने का फैसला किया था। जिसके कारण इसे लाल किले के नाम से जाना जाता है, यह किला आगरा के किले से भी बड़ा है।
लाल किला उस समय के प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद और हामिद लोहारी द्वारा यमुना नदी के तट पर 250 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया था और जिन्होंने बहुमूल्य इमारतों के निर्माण में योगदान दिया था। लाल किले के मुख्य द्वार पर 12 हाथियों की मूर्ति बनी हुई है और सूअर के मुंह वाले 4 नल अभी भी इसके किले में लगे हुए हैं।
रंग महल, लाल किले के अंदर सबसे विशिष्ट और सुंदर महिला महलों में से एक है, जिसे राजा ने रात के खाने के दौरान अपनी रानियों और मालकिनों के साथ समय बिताने के लिए बनवाया था। यह रंग महल अपनी आकर्षक और मनमोहक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, इस प्रकार रंग महल लाल किले के सबसे उल्लेखनीय महलों में से एक है।
जिस समय में लाल किला बनाया गया था। लाल किला उस समय के सबसे महंगे किलों में सबसे पहले नंबर पर आता है। इस किले के निर्माण में उस समय करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
लाल किले के अंदर छाबड़ी बाजार, दीवानेखास, नौबत खाना, खास महल, मोती मस्जिद, रंग महल और मुमताज महल जैसी बेहद खास और आकर्षक इमारतों का निर्माण किया गया था।
लाल किले का प्राचीन नाम किला-ए-मुबारक था।
लाल किले के दो प्रवेश द्वार हैं, इस किले को बनाने में करीब 10 साल का समय लगा था।
1648 में लाल किले के उद्घाटन के लिए इसके कमरों को मखमली और रेशम जैसे बहुत कीमती पर्दों से सजाया गया था।
लाल बलुआ पत्थर से निर्मित होने के कारण इस किले का नाम लाल किला पड़ा।
पहले लाल किले का रंग असल में सफेद था। क्योंकि इसे सफेद चूना पत्थर से बनाया गया था। बाद में समय के साथ इसका रंग फीका पड़ने लगा। जिसके बाद अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंग दिया।
15 अगस्त, 1947 को लाल किले से देश को संबोधित करने वाले पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
यूनेस्को द्वारा वर्ष 2007 में लाल किले को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।
भरतपुर के महाराजा जवाहर सिंह अकेले ऐसे हिंदू राजा थे। जिसने मुगलों से लाल किला जीता था।
बहादुर शाह जफर लाल किले पर राज करने वाले आखिरी मुगल बादशाह थे। इसके बाद 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों ने उनका खिताब छीन लिया और लाल किले पर कब्जा कर लिया।
FAQs For Delhi Ka Lal Kila Kisne Banwaya Tha
लाल किला किसने बनवाया था?
मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने लाल किले का निर्माण करवाया था।
लाल किला कब जाया जा सकता है?
लाल किला स्मारक मंगलवार से रविवार तक सुबह 7:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है और सोमवार को बंद रहता है।
लाल किला का पूरा चक्कर लगाने में कितना समय लगेगा?
पूरे स्मारक को देखने में आपको लगभग दो से तीन घंटे का समय लगेगा।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको दिल्ली का लाल किला किसने बनवाया था (Delhi Ka Lal Kila Kisne Banwaya Tha) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख दिल्ली का लाल किला किसने बनाया था अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।