Delhi Bharat Ki Rajdhani Kab Bani Thi – भारत एक विशाल देश है। भारत का अपना एक समृद्ध इतिहास है। यहां कई तरह की संस्कृतियां और सभ्यताएं मौजूद हैं। इन सब में भारत की राजधानी भी सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत की राजधानी भी कई बार बदल बदली है।
आज के इस लेख में आपको भारत की राजधानी दिल्ली के बारे में जानकारी देने वाले है। आज के इस लेख में आप जानेंगे की दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी थी और दिल्ली का इतिहास क्या है? तो आइये जानते है –
भारत की राजधानी दिल्ली कब बनी थी (Bharat Ki Rajdhani Delhi Kab Bani Thi In Hindi)
दिल्ली भारत की राजधानी 13 फरवरी 1931 को बनी। भारत की नई राजधानी के रूप में 13 फरवरी 1931 को दिल्ली का उद्घाटन किया गया था। दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा दिल्ली दरबार में की गयी थी। यह घोषणा 12 दिसंबर 1911 को को की गयी थी। इससे पहले भारत की राजधानी कलकत्ता थी।
आपको बता दें कि भारत पर ब्रिटिश शासन के दौरान 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) थी। ब्रिटिश शासकों को लगा कि देश पर बेहतर तरीके से शासन करने के लिए अगर दिल्ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा। क्योंकि यह देश के उत्तर में है और शासन यहीं से अधिक प्रभावी होगा।
इस पर विचार करने के बाद ब्रिटिश महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्ली ले जाने का आदेश दिया और नई दिल्ली के रूप में दिल्ली का एक और नया शहर बसाया गया। दिल्ली कई बार बसी और कई बार उजड़ी। सरकारों ने इसे लूटा भी और बसाया भी। लेकिन ये शहर आज भी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है।
दिल्ली का इतिहास हिंदी में (History Of Delhi In Hindi)
दिल्ली का सबसे पुराना नाम इंद्रप्रस्थ है। कभी राजधानी रही दिल्ली में अब इंद्रप्रस्थ नाम का एक इलाका है। दिल्ली का पहला उल्लेख महाभारत में मिलता है जहां पांडवों ने पहली बार दिल्ली को ‘इंद्रपथ’ (इंदरपथ) यानी इंद्रप्रस्थ के रूप में बसाया था। ऐसा माना जाता है कि उस स्थान पर आज भी पुराने किले के खंडहर मौजूद हैं।
इसके बाद इसका नाम दिल्ली (100 ईसा पूर्व) रखा गया। भारतीय महाकाव्य महाभारत में इसे प्राचीन इंद्रप्रस्थ की राजधानी के रूप में जाना जाता है। दिल्ली के बाद सूरजकुंड (1024 ई.) राजधानी बना, अब यह नई दिल्ली का एक क्षेत्र है। जो बदरपुर के पास है।
इसके बाद इसका नाम लाल कोट रखा गया जो राजाओं की राजधानी बन गयी। यह वर्तमान दिल्ली क्षेत्र का पहला निर्मित शहर था। इसकी स्थापना 1060 में तोमर शासक राजा अनंग पाल ने की थी। सबूत बताते हैं कि तोमर राजवंश ने 700AD के आसपास सूरज कुंड के आसपास दक्षिण दिल्ली क्षेत्र पर शासन किया था। फिर बारहवीं शताब्दी में चौहान राजा पृथ्वी राज चौहान ने शासन संभाला और शहर और किले का नाम किला राय पिथौरा (1170 ई.) रखा।
दिल्ली को तब किलकोरी (1288 ई.) और सिरी (1302 ई.) के नाम से जाना जाता था। सिरी शहर का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 ई. में किया था। तुगलकाबाद शहर की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने 1320 ई. में की थी। आज भी यह शहर दिल्ली का हिस्सा है।
जहांपनाह शहर का निर्माण 1334 ई. में मुहम्मद-बिन-तुगलक ने करवाया था। यह दिल्ली का चौथा मध्ययुगीन शहर था जो मंगोलों के लगातार आक्रमण से बचने के लिए बनाया गया था और वर्तमान में दक्षिणी दिल्ली में स्थित है। इसके बाद यह फिरोजाबाद (1351 ई.), खिज्राबाद (1415 ई.), मुबारकाबाद (1433 ई.), दीनपनाह (1530 ई.) और फिर दिल्ली (1542 ई.) में बसा।
इसके बाद महान मुगल निर्माता शाहजहाँ ने 1648 में शाहजहाँनाबाद का निर्माण कराया। शाहजहाँ की दिल्ली पहले बनाये गये शहरों की तुलना में अधिक आकर्षक थी। शाहजहाँ ने बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य करवाया, जैसा कि लाल किला और जामा मस्जिद के उदाहरणों में देखा जा सकता है। शाहजहानाबाद शहर को आज पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है।
FAQs
भारत की राजधानी दिल्ली से पहले क्या थी?
भारत की राजधानी दिल्ली से पहले कलकत्ता (Kolkatta) थी।
भारत की पुरानी राजधानी कौन सी है?
भारत की पुरानी राजधानी कलकत्ता थी।
भारत की राजधानी कितनी बार बदली है?
भारत की राजधानी कई बार बदली है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी थी (Delhi Bharat Ki Rajdhani Kab Bani Thi) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख भारत की राजधानी दिल्ली कब बनी थी (Bharat Ki Rajdhani Delhi Kab Bani Thi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।