दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए, दक्षिणावर्ती शंख में क्या भरकर रखें

दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए – शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी को सुख, समृद्धि और धन की देवी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर देवी लक्ष्मी की कृपा होती है उसे कभी भी धन की कमी नहीं होती है। वैसे तो मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सभी दिन अच्छे हैं, लेकिन शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।

माँ लक्ष्मी की पूजा में कुछ चीजों को विशेष महत्व दिया गया है। हिन्दू धर्म में शंख का अपना ही महत्व है। शुभ कार्यों में शंख का प्रयोग करना शुभ होता है। दरअसल, शंख की प्राप्ति समुद्र मंथन से हुई थी। जिस समय देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ था। उस दौरान 14 रत्न प्राप्त हुए थे, जिनमें से एक शंख भी है। दक्षिणावर्ती शंख को शंखों में सबसे उत्तम बताया गया है। कहते है कि इस शंख को घर में रखने से कभी भी धन की कमी नहीं रहती है।

समुद्र में पाए जाने वाले शंख अधिकतर वामवर्ती शंख होते हैं। वामावर्ती शंख का पेट बाईं ओर खुला होता है जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुंह दाहिनी ओर होता है। शास्त्रों में इस शंख को बहुत ही शुभ और लाभकारी माना गया है। इसके अलावा इस शंख की एक पहचान यह भी है कि इसे कान पर रखने पर ध्वनि सुनाई देती है।

लेकिन क्या आप जानते है दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए, दक्षिणावर्ती शंख बजता है कि नहीं। अगर नहीं तो आइये जानते है –

दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए (Dakshinavarti Shankh Ka Mukh Kis Disha Me Hona Chahiye)

दक्षिणावर्ती शंख का मुख दायीं तरफ होता है। दक्षिणावर्ती शंख भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर रखना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख का बजने वाला या खुला हुआ भाग हमेशा ऊपर की ओर रखना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख का नुकीला हिस्सा मूर्ति या प्रतिमा के सामने होना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख को दक्षिणा, पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।

घर के मंदिर में दक्षिण दिशा में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं, और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। दक्षिणावर्ती शंख को घर के मंदिर में उत्तर, पूर्व या ईशान कोण में रखा जा सकता है।

घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन, इसे घर में रखने के कुछ नियम हैं। इसे स्थापित करने से पहले एक साफ लाल रंग का कपड़ा लें। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भरें। इसके बाद ऊं श्री लक्ष्मी सहोदराय नम: मंत्र का एक माला जाप करें। मंत्र जाप के बाद दक्षिणावर्ती शंख को लाल कपड़े में लपेटकर रख लें। शुक्रवार के दिन इस शंख की विशेष पूजा करनी चाहिए।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दक्षिणावर्ती शंख जिस व्यक्ति के घर में होता है। माना जाता है कि उसके घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे घर पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही शंख की ध्वनि घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।

दक्षिणावर्ती शंख में क्या भरकर रखें (Dakshinavarti Shankh Me Kya Bharkar Rakhe)

दक्षिणावर्ती शंख में पानी (जल) भरकर रखना चाहिए और इस जल का पूरे घर में छिड़काव भी करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

दक्षिणावर्ती शंख के लाभ

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार दक्षिण दिशा में जिस घर में शंख स्थापित होता है उस घर पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। घर में हमेशा धन और समृद्धि बनी रहती है। वास्तु के अनुसार अगर आप दक्षिणावर्ती शंख की पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं और इसे लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर में रखते हैं तो आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी। आपको घर के सभी वास्तु दोषों से भी छुटकारा मिल जाएगा। घर के मंदिर में दक्षिण दिशा में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए, दक्षिणावर्ती शंख में क्या भरकर रखें के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख दक्षिणावर्ती शंख का मुख किस दिशा में होना चाहिए (Dakshinavarti Shankh Ka Mukh Kis Disha Me Hona Chahiye) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।

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