Chandra Grahan Kab Hai 2023: साल 2023 की शुरुआत के बाद सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है। हर कोई जानने को उत्सुक है कि साल 2023 में चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच सूर्य के आने से चंद्र ग्रहण लगता है। आपको बता दें कि हमेशा पूर्णिमा तिथि को चंद्र ग्रहण लगता है और सूर्य ग्रहण अमावस्या पर। इस दौरान धरती पर राहु-केतु का प्रकोप रहता है। कहते हैं कि इसलिए ग्रहण के समय बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। और इसी वजह से इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
चन्द्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है। पर हर पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण नहीं हो सकता है। जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है तो इसे चंद्र ग्रहण कहते है।
चंद्र ग्रहण के समय कई अन्य सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता होती है। ख़ासतौर से गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का इस दौरान खास ख्याल रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें होने वाले बच्चे पर बुरा असर डालती हैं। ज्योतिष शास्त्र और खगोलशास्त्र के अनुसार इस साल 2023 में दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। तो चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण की तिथि और समय के बारे में –
चंद्र ग्रहण कब है? (When Is Chandra Grahan 2023)
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण – 05 मई 2023
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण – 29 अक्टूबर 2023
चंद्र ग्रहण कब लगेगा? (Chandra Grahan Kab Lagega)
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लगेगा। वही साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 दिन को लगेगा।
साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा? (Chandra Grahan Kab Lagega)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष 2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को लगने जा रहा है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 05 मई 2023 को रात 08:45 मिनट पर लगेगा। ग्रहण का समापन रात को 01 बजे होगा। यह चंद्र ग्रहण 04 घंटे 15 मिनट और 34 सेकेंड्स तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इस कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा। इसका अर्थ यह है कि चंद्र ग्रहण के दिन सूतक काल नहीं लगेगा।
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा? (Chandra Grahan Kab Lagega)
29 अक्टूबर 2023 को इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को रात में 01 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 22 मिनट तक लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। जिस कारण सूतक काल मान्य होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान न करें ये काम
- ग्रहण के समय कुछ भी पकाना, खाना-पीना वर्जित माना गया है। ग्रहण शुरू होने से पहले तुलसी के पत्तों को खाने की चीजों में डाल देना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए और देवता की मूर्तियों को भी नहीं छूना चाहिए। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए।
- ग्रहण के समय पति-पत्नी को रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण के दौरान सोना भी वर्जित है।
- ग्रहण शुरू होने के बाद सिलाई, कटिंग आदि नहीं करना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका ध्यान रखना चाहिए।
- ग्रहण के समय पेड़-पौधों को भी नहीं छूना चाहिए। विशेष रूप से तुलसी और शमी के पेड़ को ग्रहण के दौरान नहीं छूना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान परिवार में या किसी और से बहस नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण के समय बाहर नहीं जाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान इस बात का अधिक ध्यान रखना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये काम
चंद्र ग्रहण शुरू होने से पूर्व ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें।
- चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान के नाम का जाप किया जाता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने के पश्चात स्नान कर नए कपड़े पहने फिर कुछ दान करें।
- इसके पश्चात कोई अन्य कार्य करना शुरू करें।
- ग्रहण समाप्त होने पर घर के पास मौजूद किसी मंदिर में पूजा कर दान आदि करें।
- मान्यता अनुसार कि ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलाने से शुभ फल प्राप्त होता है।
- मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ग्रहण खत्म होने के पश्चात इन्द्र देव की पूजा करने का भी विधान है।
- इसके बाद अन्न दान करने का नियम है।
गर्भवती महिलाओं को बरतनी चाहिए ये सावधानियां
ग्रहण के समय से लेकर अंत तक गर्भवती महिलाओं को कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जैसे काटना, सिलाई या पिरोना जिसमें सुई या नुकीली चीज का इस्तेमाल किया गया हो। ऐसा माना जाता है कि इससे गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है।
हालांकि बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण के नियमों में ढील दी गई है, लेकिन हो सके तो ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस समय रखा गया भोजन दूषित हो जाता है।
धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को नहीं सोना चाहिए। इस समय मानसिक रूप से भगवान का स्मरण करना चाहिए। ग्रहण काल में जीभ पर तुलसी का पत्ता रखकर दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को घर में ही रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय ग्रहण की छाया शुभ नहीं होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण बिल्कुल नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे गर्भस्थ शिशु बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
ग्रहण काल समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान अवश्य करना चाहिए, अन्यथा गर्भस्थ शिशु को त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। ऐसा मान्यताएं कहती हैं।
ये भी बरतें सावधानी – ग्रहण शब्द अपने आप में नकारात्मक है। ज्योतिष की दृष्टि से ग्रहण भले ही कहीं दिखाई दे या न दिखाई दे, लेकिन इसका प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य पड़ता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें। खाना न बनाए । धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें। भगवान की मूर्तियों को हाथ न लगाएं। ग्रहण काल में सोना वर्जित माना गया है। बालों में कंघी न करें। ग्रहण के समय दातुन न करें।
ग्रहण और इसके पश्चात करें ये काम
ग्रहण के समय बिना भगवान को छुए मन में अपने इष्ट देव की पूजा करें। ग्रहण से पहले खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करके घर की सफाई करें और स्वच्छ हो जाएं। स्नान के बाद जरूरतमंदों को आटा, चावल आदि खाद्य पदार्थ दान करें।
चंद्र ग्रहण के पश्चात करें ये काम, मिलेगी बुरे प्रभावों से मुक्ति
ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ नियम बताए गए हैं, ये नियम इस प्रकार हैं-
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्वयं को शुद्ध करना आवश्यक है। ग्रहण के प्रभाव को नष्ट करने के लिए स्नान करना चाहिए। साफ पानी से नहाने के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए। ऐसा करने से आप पर ग्रहण का प्रभाव शून्य होगा। वहीं जब आप शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी कर लें तो तब जाकर कोई दूसरा काम करें।
ग्रहण के कारण उसकी नकारात्मक ऊर्जा भी घर में प्रवेश करती है। ऐसे में ग्रहण के बाद घर की शुद्धि भी अवश्य करनी चाहिए। पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। आप घर में पोछा भी कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह नष्ट हो जाएगी।
ग्रहण के बाद मंदिर में गंगाजल छिड़क कर घर की शुद्धि करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी गंगाजल से शुद्ध करके ही उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर के मंदिर में व्याप्त ग्रहण की नकारात्मक छाया नष्ट हो जाएगी।
ग्रहण के बाद ही खाना बनाकर खाना चाहिए। यदि ग्रहण के समय भोजन बनाया जाता है तो सबसे पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लें। बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों पर सूतक का प्रभाव मान्य नहीं होता है। इसलिए उन्हें समय पर खाना खिलाना देना चाहिए।
मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि ग्रहण समाप्त होने के बाद गाय को रोटी खिलाने से शुभ फल मिलते हैं। इसलिए हो सके तो ग्रहण के बाद गाय को रोटी खिलाएं।
ग्रहण के समय पूजा करने से मिलता है कई गुना अधिक पुण्य
ग्रहण के दौरान पूजा व दान का बहुत ही महत्व है। ग्रहण के दौरान जितनी पूजा की जाती है। उससे कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
ग्रहण काल में पूजा महत्व
ग्रहण के समय भगवान (चंद्र या सूर्य) राहु से पीड़ित होते हैं। जिससे भगवान कष्ट में रहते हैं। ऐसे समय जब कोई भक्त पूजा करता है तो उससे भगवान को बल मिलता है और उनका कष्ट कम हो जाता है। विद्वानों का कहना है कि ग्रहण के दौरान जितनी पूजा की जाती है, उससे कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। जब आप ग्रहण के समय पूजा करते हैं। जिससे भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं। वहीं ग्रहण के बाद दान-दक्षिणा से दोष -पाप का नाश होता है।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए करे ये उपाय
वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण का विशेष महत्व है। ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है। सूतक के कारण इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं को मानने वाले लोग ग्रहण के समय शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं। साथ ही ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने के बाद घर को गंगा जल से शुद्ध किया जाता है। फिर पूजा करके दान और दक्षिणा देने का विधान है।
चंद्र ग्रहण उपाय (Chandra Grahan Ke Upay)
चांदी का एक टुकड़ा आपको बना देगा धनवान – चंद्र ग्रहण से एक दिन पहले चांदी का एक टुकड़ा एक बर्तन में रखें और उसे गंगाजल और दूध में डुबो दें। चंद्र ग्रहण के दिन इसे चंद्रमा की छाया में रखें। अगले दिन चांदी का वह टुकड़ा उठाकर अपनी तिजोरी में रख लें। यह उपाय आपके घर को धन से भर देगा।
रोग दूर करे ये उपाय – यदि कोई व्यक्ति किसी पुराने रोग से पीड़ित है तो चंद्र ग्रहण के दिन गोमती चक्र को चांदी के तार में पिरो दें और उसे उस व्यक्ति के पलंग के सिरहाने बांध दें। ऐसा करने से उस व्यक्ति का रोग शीघ्र ही दूर हो जाएगा।
सबसे बड़ी समस्या होगी दूर, बस करें ये उपाय – यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं या बार-बार बहुत परेशानी होती है, तो चंद्र ग्रहण की रात को 400 ग्राम चावल को दूध में भिगोकर चंद्रमा की छाया में रख दें। अगले दिन चावल को धोकर किसी बहती नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपके जीवन में हो रहे हादसों पर विराम लग जाएगा।
ताला खोलेगा किस्मत का ताला –वैसे तो चंद्र ग्रहण के समय आपको घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। पर अगर आप चाहते हैं कि आपकी आर्थिक तंगी दूर हो, तो इसके लिए चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा की छाया में एक ताला रख दें। अगले दिन उसी ताला को किसी मंदिर में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक तरक्की के रास्ते खुलेंगे और आपकी बंद किस्मत चमकेगी।
तरक्की के रास्ते में आ रही रुकावटें तो जरूर अपनाएं ये उपाय
चंद्र ग्रहण से पहले स्नान आदि कर लें, सफेद वस्त्र धारण करे और उत्तर दिशा में आसन बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाकर अब एक हाथ में 5 गोमती चक्र लेकर एक हाथ में रुद्राक्ष की माला लेकर ‘ऊं कीली कीली स्वाहा’ मंत्र का जाप करें। यह जाप आप 21, 51 या 108 बार कर सकते हैं। इसके बाद जब जप पूरा हो जाए तो गोमती चक्र को एक डिब्बे में रख दें।
इसके बाद एक और छोटा डिब्बा लें और उसमें सिंदूर और दीया बुझाने के बाद बचा हुआ तेल डालें और डिब्बे को बंद कर दें। अब इन दोनों बक्सों को कार्य स्थल पर रख दें, यदि आप चंद्र ग्रहण के दिन यह उपाय करते हैं, तो प्रगति के मार्ग खुलेंगे।
FAQs For Chandra Grahan Kab Lagega
2023 में चंद्र ग्रहण कितने है?
2023 में दो चंद्र ग्रहण है।
2023 में कितने चंद्र ग्रहण कब है?
2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को लगेगा।
निष्कर्ष
इस लेख हमने आपको चंद्र ग्रहण से सम्बंधित जैसे की चंद्र ग्रहण कब है, चंद्र ग्रहण कितने बजे लगेगा और चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं आदि के बारे में जानकारी दी है।
हमे उम्मीद है आपको यह लेख चंद्र ग्रहण कब है (Chandra Grahan Kab Hai) अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख चंद्र ग्रहण इन हिंदी (Chandra Grahan In Hindi) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी जरूर शेयर करे।