चालाक लोमड़ी की कहानी – The Story Of The Cunning Fox In Hindi

Chalak Lomdi Ki Kahani In Hindi – लोमड़ी जंगल का बहुत ही चतुर जानवर माना जाता है। लोमड़ी जंगल का एक ऐसा प्राणी है जिसकी चतुराई कई कहानियों में मशहूर है। बचपन से ही हमारे दादा-दादी हमें चालाक लोमड़ी के बारे में कहानियाँ सुनाते रहे हैं। तो आइये जानते लोमड़ी की चालाकी से जुड़ी कुछ कहानियाँ –

चालाक लोमड़ी की कहानी (Chalak Lomdi Ki Kahani In Hindi)

1) अंगूर खट्टे है – भूखी लोमड़ी – Chalak Lomdi Ki Kahani

एक बार एक चालाक लोमड़ी बहुत भूखी थी और कुछ खाने की तलाश में थी। वह हर जगह गयी और भोजन की तलाश की, लेकिन उसे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। आख़िरकार थककर, भूख से पेट में गड़गड़ाहट के साथ, वह एक किसान के घर की दीवार के पास रुक गई।

उस दीवार के ऊपर एक अंगूर का पेड़ था, जिसमें से रसीले अंगूर लटक रहे थे, इतने स्वादिष्ट कि उसने शायद ही कभी उन्हें देखा हो। गहरे जामुनी रंग के अंगूरों को देखकर लोमड़ी ने अनुमान लगा लिया था कि ये अंगूर पक चुके हैं और खाने के लिए तैयार हैं।

लोमड़ी ने अंगूरों को अपने मुंह में पकड़ने के लिए हवा में ऊंची छलांग लगाई, लेकिन वह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। उसने पहले कोशिश की, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी वह अंगूर तक नहीं पहुंच पाई।

आख़िरकार लोमड़ी ने घर लौटने का फैसला किया और पूरे रास्ते बड़बड़ाती रही, ‘मुझे यकीन है कि वे अंगूर खट्टे थे।’ लोमड़ी को न तो अंगूर मिले और न ही उसकी भूख मिटी। वह दुखी होकर पैर पटकती हुई घर लौट आई।

2) चालाक लोमड़ी और कौवा – Chalak Lomdi Ki Kahani

एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी, वह बहुत भूखी थी। अपनी भूख मिटाने के लिए वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकने लगी। उसने सारा जंगल छान मारा और जब पूरे जंगल में भटकने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिला तो गर्मी और भूख के कारण वह एक पेड़ के नीचे बैठ गई।

अचानक उसकी नजर ऊपर गयी, पेड़ पर एक कौआ बैठा था। उसके मुँह में रोटी का एक टुकड़ा था। : कौवे के मुँह में रोटी देखकर भूखी लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। वह कौवे से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी। अचानक उसे एक उपाय सूझा और फिर उसने कौए से कहा, “कौआ भाई! आप बहुत खूबसूरत हैं। मैंने आपकी बहुत तारीफ सुनी है, मैंने सुना है कि आप गाने बहुत अच्छे गाते हैं। आपकी सुरीली आवाज का हर कोई दीवाना है, क्या तुम मेरे लिए गीत नहीं गाओगे?

कौआ अपनी प्रशंसा सुनकर कौआ बहुत खुश हुआ। वह लोमड़ी की मीठी बातों में आ गया और उसने बिना सोचे-समझे गाने के लिए अपना मुँह खोल दिया, जैसे ही उसने अपना मुँह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर जाता है। भूखी लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा लेकर वहां से भाग जाती है।

कौआ यह देखकर अपनी मूर्खता पर पछताने लगा। लेकिन अब पछताने का कोई मतलब नहीं था, चतुर लोमड़ी ने मूर्ख कौवे की मूर्खता का फायदा उठाया और अपना लाभ कमाया।

सीख – यह कहानी यह संदेश देती है कि हमें झूठी प्रशंसा से बचना चाहिए। कई बार हमें ऐसे कई लोग मिलते हैं जो अपना काम निकालने के लिए हमारी झूठी तारीफ करते हैं, और काम हो जाने के बाद वे हमसे पूछते तक नहीं।

3) चतुर लोमड़ी और शेर – Chalak Lomdi Ki Kahani

एक समय की बात है, एक जंगल में एक खतरनाक शेर रहता था। एक बार एक शेर ने जंगल में शिकार करने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। शाम हो चुकी थी और शिकार की तलाश में शेर के लिए यह ठंडा मौसम था।

शेर ने पास की एक गुफा में आराम करने की सोची। तभी शेर को सामने एक गुफा दिखाई दी, शेर गुफा के अंदर चला गया। शेर ने सोचा – “यह गुफा जरूर किसी जानवर की होगी और अगर शाम को यह वापस इसमें आ जाएगा तो मैं इसका शिकार करके अपना पेट भर लूंगा।”

वह गुफा एक लोमड़ी की थी। शाम होते ही लोमड़ी अपनी गुफा में लौटी तो उसे गुफा के सामने शेर के पंजे के निशान दिखे। गुफा के अन्दर जाने के ही चिन्ह थे, बाहर आने के कोई चिन्ह नहीं थे। लोमड़ी बहुत चालाक थी, चतुर लोमड़ी ने सोचा कि अवश्य ही कोई शेर मेरी गुफा में चला गया है।

तभी चतुर लोमड़ी के दिमाग में एक युक्ति आई। वह गुफा से दूर खड़ी हो गई और जोर-जोर से बोलने लगी – “ओह मेरी प्यारी गुफा! तुम तो रोज मुझसे बात करती हो लेकिन आज मुझसे बात क्यों नहीं कर रही हो।”

गुफा के अंदर बैठे शेर ने सोचा कि शायद यह गुफा लोमड़ी से बात करती है लेकिन मेरे डर के कारण यह आज बात नहीं कर रही है। लोमड़ी ने फिर कहा – “मेरी गुफा, तुम मुझसे बात क्यों नहीं कर रही हो? यदि तुम मुझसे बात नहीं करोगी, तो मैं वापस चली जाऊंगी।”

लोमड़ी की ऐसी बातें सुनकर शेर को लगा कि अगर गुफा नहीं बोली तो लोमड़ी वापस चली जाएगी, इसलिए शेर ने अपनी आवाज बदल दी और बोला – “अरे मेरे प्यारे दोस्त! मैं इतनी देर से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं, क्या तुम अन्दर नहीं आ रहे हो?”

आवाज सुनते ही लोमड़ी समझ गई कि गुफा के अंदर जरूर शेर है और बिना एक पल की भी देरी किए लोमड़ी वहां से भाग गई। इस तरह चतुर लोमड़ी ने चतुराई से अपनी जान बचा ली और शेर को भूखा रहना पड़ा।

सीख – चतुर लोमड़ी और शेर की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपनी बुद्धिमत्ता से बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी टाला जा सकता है।

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