Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi – अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने पहली बार 1996 में 13 दिनों के कार्यकाल के लिए भारत के 10वें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। प्रधान मंत्री के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल 1998 से 1999 तक 13 महीने के लिए था। उन्होंने 1999 से 2004 तक प्रधान मंत्री के रूप में पूर्ण कार्यकाल के लिए कार्यालय संभाला। लेकिन वाजपेयी का 2018 में 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे नेता के साथ-साथ एक अच्छे पत्रकार और कवि भी थे। कई बार उन्होंने भारतीय सदन के अंदर भी कविताओं के माध्यम से पक्ष और विपक्ष के नेताओं का दिल जीता था। कविता का यह गुण उन्हें अपने पिता से मिला था।
आज के इस लेख में हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी (Biography Of Atal Bihari Vajpayee In Hindi) से अवगत कराने वाले है। जिसमे हम विभिन्न चीजों पर चर्चा करेंगे, तो आइये जानते है अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय इन शार्ट –
अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी संक्षिप्त (Atal Bihari Vajpayee Ki Jivni)
- पूरा नाम – अटल बिहारी वाजपेयी
- जन्मदिन – 25 दिसम्बर 1924
- जन्म स्थान – ग्वालियर, मध्यप्रदेश (पैतृक गांव – बटेश्वर, आगरा)
- मृत्यु – 16 अगस्त 2018
- पत्नी का नाम – अविवाहित
- पिता का नाम – कृष्णा बिहारी वाजपेयी
- माता का नाम – कृष्णा देवी वाजपेयी
- राजनीतिक पार्टी – भारतीय जनता पार्टी
अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय हिंदी में (Atal Bihari Vajpayee Ka Jeevan parichay)
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मप्र (मध्य प्रदेश) के ग्वालियर जिले के एक गाँव (पैतृक गांव – बटेश्वर) में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी, जो एक शिक्षक और कवि भी थे। उनकी माता का नाम कृष्णा देवी वाजपेयी था और उनके 7 भाई-बहन (प्रेम बिहारी, अवध बिहारी, सुदा बिहारी, विमला, उर्मिला और कमला) थे।
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कभी शादी नहीं की, उन्होंने दो लड़कियों को गोद लिया था, जिनका नाम नमिता और नंदिता था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कई नेताओं के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। लेकिन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी जी की शिक्षा –
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा सरस्वती शिक्षा मंदिर, गोरखी, बाड़ा, विद्यालय से प्राप्त की, उसके बाद उन्होंने लक्ष्मीबाई कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और कानपुर स्थित डीएवी कॉलेज से अर्थशास्त्र में विधि स्नातक की डिग्री ली।
अटल जी को छात्र जीवन से ही राजनीतिक तथ्यों से संबंधित वाद-विवाद में भाग लेना पसंद था, वे हमेशा ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे। बाद में 1939 में अपने छात्र जीवन में उन्होंने एक स्वयंसेवक की भूमिका भी निभाई। उन्होंने एक हिंदी समाचार पत्र में संपादक के रूप में भी काम किया।
अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफर –
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1942 में की थी। उस समय भारत छोड़ो आंदोलन जोर-शोर से चल रहा था और इसी दौरान उनके भाई को इस आंदोलन में गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके भाई को 23 दिनों तक जेल में रहना पड़ा, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उसी समय उनकी मुलाकात श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई और उनके अनुरोध पर वे भारतीय जनसंघ पार्टी में शामिल हो गये। भारतीय जनसंघ पार्टी का गठन वर्ष 1951 में हुआ था।
इसके बाद वर्ष 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी को जनसंघ पार्टी ने उत्तर प्रदेश जिले की बलरामपुर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के रूप में टिकट दिया और अटल जी ने लोकसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज की। उनकी उपलब्धि को देखते हुए उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। अटल जी 1977 से 1979 तक दो वर्षों तक मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री रहे।
इसके बाद 1980 में अटल बिहारी वाजपेई जी ने अपनी खुद की पार्टी बनाई, जिसका नाम भारतीय जनता पार्टी था और 06 अप्रैल 1980 को उन्होंने अध्यक्ष पद की कमान संभाली। 1996 का लोकसभा चुनाव पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की पहली चुनावी जीत थी। इस चुनाव के साथ ही भाजपा ने देश में पहली बार अपनी सरकार स्थापित की और अटल जी ने 06 मई से 21 जून 1996 तक केवल 13 दिनों के लिए देश के दसवें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली।
13 दिन सरकार चलने के बाद अटल जी की सरकार गिर गई और फिर सरकार गिरने के 2 साल बाद 1988 में पार्टी सत्ता में आई और 19 मार्च 1998 को अटल जी ने दूसरी बार और 10 अक्टूबर 1999 को पुनः तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रमुख कार्य –
1) अटल बिहारी वाजपेई जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए 1998 में 11 मई और 13 मई को पोखरण, राजस्थान में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके हमारे देश को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया था। यह एक साहसिक कदम था, जिसने हमारे देश को एक अलग पहचान दी। भारत का यह परमाणु परीक्षण इतने गुप्त तरीके से किया गया था कि पश्चिमी देशों की आधुनिक तकनीक भी इसे पकड़ नहीं पाई। परमाणु परीक्षण के बाद कुछ देशों ने कई प्रतिबंध भी लगाए, लेकिन अटल जी इन सब बातों की परवाह किए बिना आगे बढ़े और हमारे देश को आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों पर ले गए।
2) अटल जी ने 19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की, जिसका नाम सदा-ए-सरहद रखा गया। उन्होंने बस सेवा शुरू करके दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की पहल की और उस समय उन्होंने पाकिस्तान का दौरा भी किया और तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की।
कुछ समय बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ की शह पर पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ शुरू कर दी और कई पर्वत चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया। तब जवाबी कार्रवाई में अटल बिहारी जी की सरकार ने ठोस कदम उठाए और भारतीय सेना को खुला समर्थन दिया। जिससे हमारी सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ कर धूल चटा दी।
3) अटल जी ने भारत को सड़क मार्ग से जोड़ने का भी काम किया। इसमें प्रमुख शहरों (दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई व मुंबई) को राजमार्गों से जोड़ने का काम किया गया, जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का नाम दिया गया और अब तक अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार ने सबसे अधिक सड़कें बनाई हैं।
4) 100 साल से भी ज्यादा पुराना कावेरी जल विवाद अटल जी की सरकार में सुलझाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाहकार समिति, व्यापार एवं उद्योग समितिआदि अनेक समितियाँ एवं आयोग बनाये गये।
5) राष्ट्रीय राजमार्गों और हवाई अड्डों का विकास किया गया। नई तकनीक, विद्युतीकरण में तेजी लाना, दूरसंचार को बढ़ावा देना आदि।
6) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बनाने के लिए और विदेशों में बसे भारतीयों के लिए बीमा योजना शुरू की। अर्बन सीलिंग एक्ट को खत्म कर आवास निर्माण को बढ़ावा दिया गया।
7) नई दूरसंचार नीति और कोंकण रेलवे का शुभारंभ किया। उनके कार्यकाल में दूरसंचार क्षेत्र और रेलवे विभाग ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े विवाद –
1) सबसे पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का नाम आता है। इस समय बाबरी मस्जिद ढहाई गई, उस वक्त विपक्ष के कई नेताओं ने अटल जी की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे, क्योंकि उस वक्त इस मस्जिद के खिलाफ कई बीजेपी नेताओं ने रैली निकाली थी।
2) दूसरा विवाद कंधार विमान हाईजैक है। यह विवाद 24 दिसंबर 1999 का है, जब काठमांडू से दिल्ली जा रहे एक विमान को सशस्त्र आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। तब विमान में सवार 176 यात्रियों और 15 क्रू मेंबर्स की जान बचाने के लिए तीन आतंकवादियों मसूद अज़हर, उमर शेख और अहमद ज़रगर को छोड़ना पड़ा। इस बात को लेकर अटल जी की कड़ी आलोचना हुई।
3) तीसरे मामले में कारगिल युद्ध को लेकर भी उन पर सवाल उठे।
अटल बिहारी वाजपेयी को प्राप्त पुरस्कार और सम्मान –
- पद्म विभूषण (1992 – भारत सरकार)
- डॉक्टर ऑफ लेटर (1993 – कानपुर विश्वविद्यालय)
- उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार (1994 – भारतीय संसद)
- लोकमान्य तिलक पुरस्कार (1994 – भारत सरकार)
- भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार (1994 – भारत सरकार)
- भारत रत्न (2015 – भारत सरकार)
- बांग्लादेश लिबरेशन वार सम्मान (2015 – बांग्लादेश सरकार)
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन –
2009 में, वाजपेयी को एक स्ट्रोक (दौरा) का सामना करना पड़ा, जिससे वह अवाक रह गए। जून 2018 में, किडनी में संक्रमण की शिकायत के बाद वाजपेयी को एम्स में भर्ती कराया गया था। 16 अगस्त 2018 को वाजपेयी जी का निधन हो गया।
FAQs
अटल बिहारी वाजपेयी के माता पिता का नाम क्या था?
अटल बिहारी वाजपेयी के पिता का नाम – कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम – कृष्णा देवी वाजपेयी था।
अटल बिहारी वाजपेयी को कौन सी बीमारी थी?
डिमेंशिया की समस्या से सबसे अधिक ग्रसित थे।
कौन से भारतीय प्रधानमंत्री कवि भी थे?
अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के साथ कवि भी थे।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी (Biography Of Atal Bihari Vajpayee In Hindi) से अवगत कराया है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख लगा होगा। अगर आपको यह लेख अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय (Atal Bihari Vajpayee Ka Jivan parichay) अच्छा लगा है, तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।