Akshaya Tritiya Kab Hai 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास (Vaishakh Maas) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया को युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन से कई युगों की शुरुआत हुई है और भगवान विष्णु के कई अवतार भी हुए हैं। इसी दिन से सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ है। भगवान परशुराम ने भी अक्षय तृतीया के दिन ही अवतार लिया था। इसलिए धार्मिक दृष्टि से अक्षय तृतीया का काफी महत्व है।
अक्षय तृतीया ऐसी तिथि है जिसका कभी क्षय नहीं होता। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया एक ऐसा शुभ मुहूर्त है जिसमें बिना किसी समय या ग्रहों की दिशा को देखे विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन पंचांग देखने की जरूरत नहीं है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष विधान है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन श्री हरि नारायण और माता लक्ष्मी की पूजा करने से दसों दिशाओं से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तो आइये जानते है अखा तीज कब है 2024 (Akha Teej Kab Hai 2024) –
अक्षय तृतीया कब की है 2024 (Akshaya Tritiya Kab Ki Hai 2024)
अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया तिथि 2024 (Akshaya Tritiya Tithi 2024)
तृतीया तिथि आरम्भ – 10 मई 2024, शुक्रवार को 04:20
तृतीया तिथि समाप्त – 11 मई 2024, शनिवार को 02:50
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त 2024 (Akshaya Tritiya Shubh Muhurat In Hindi 2024)
दिन – शुक्रवार, 10 मई 2024
पूजा का शुभ मुहूर्त – 05:33:11 से 12:17:39 तक
पूजा की कुल अवधि – 6 घंटे 44 मिनट
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त 2024 (Akshaya Tritiya Shubh Muhurat For Buying Gold)
अक्षय तृतीया का महत्व 2024 (Importance Of Akshaya Tritiya In Hindi)
अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम की यात्रा भी शुरू हो जाती है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो इस दिन किए गए कार्य का फल अक्षय होता है। अर्थात् उसका कभी नाश नहीं होता। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करना चाहिए। साथ ही इस दिन सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya Puja Vidhi In Hindi)
अक्षय तृतीया के दिन भगवान नारायण की पूजा की जाती है। अक्षय तृतीया के दिन हरी नारायण की विशेष पूजा और हवन करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे आपके जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन विशेष दान कर पवित्र स्नान और तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आप जौ का दान भी इस दिन कर सकते हैं। साथ ही जल से भरे घड़े का दान करना भी सर्वोत्तम होता है।
बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं अक्षय तृतीया के दिन
इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जा रही है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था। इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट भी खुल जाते हैं। इस दिन वृंदावन में भगवान बांके-बिहारी जी के दर्शन होते हैं। इस दिन सोना, संपत्ति जैसी कीमती चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। साथ ही अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन दान का भी विशेष महत्व है।
अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदा जाता है सोना?
धरती पर धन, सोना-चांदी आदि को मां लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। ऐसे में माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर सोना-चांदी की खरीदारी की जाए तो उसका कभी क्षय नहीं होता है। घर में हमेशा लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर धन-धान्य से भर जाता है। इससे आपके जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्म देव के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी हुआ था। इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।
क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया?
अक्षय तृतीया पर श्री हरि विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। उन्होंने ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर जन्म लेकर पृथ्वी को धन्य किया। भगवान परशुराम अमर हैं और इस दिन परशुराम जी की पूजा की जाती है।
अक्षय तृतीया पर ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थीं। राजा भागीरथ ने हजारों वर्षों तक घोर तपस्या की और अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए शिव शंकर की कृपा से माँ गंगा को धरती पर लाए। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार रसोई घर में निवास करने वाली मां अन्नपूर्णा का जन्म भी इसी दिन हुआ था। इसलिए इस दिन अन्न संचय करके गरीबों को भोजन कराने का विधान है। जो भी अक्षय तृतीया के दिन माँ अन्नपूर्णा की पूजा करता है, उसके घर में धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं रहती है।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के अवतार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत को पंचम वेद की संज्ञा दी गई है। इस महाभारत में भगवद गीता भी शामिल है। इसलिए गीता के 18वें अध्याय का इस दिन पाठ करना चाहिए।
अक्षय तृतीया के शुभ दिन, पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ। इसकी खासियत यह थी कि इसमें कभी अन्न समाप्त नहीं होता था।
FAQs For Akha Teej 2023
2024 में अक्षय तृतीया कब है?
2024 में अक्षय तृतीया 10 मई 2023, शनिवार को है।
2025 में अक्षय तृतीया कब है?
2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको अक्षय तृतीया कब है, अखा तीज कब है, इसके बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह लेख 2024 में अक्षय तृतीया कब है (2024 Mein Akshaya Tritiya Kab Hai) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।