अच्छी स्त्री की पहचान – नारी ईश्वर की अनुपम, सुंदर और रहस्यमयी रचना है। कहा जाता है कि एक महिला को समझना नामुमकिन है। नारी को तो देवता भी नहीं समझ पाए हैं, तो मनुष्य क्या चीज है? यही वजह है कि महिलाओं के राज हमेशा पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं।
लोग महिला को समझने, उनके मन को पढ़ने, उनके हाव-भाव जानने का दावा करते रहे हैं, लेकिन एक महिला ही है जो हर दिन एक नया रूप सामने लाकर पुरुष को हैरान करती रही है।
इसी रहस्यमय रूप के कारण सृष्टि के आदि से लेकर वर्तमान तक स्त्री का आकर्षण निरंतर बना रहा है। वैसे तो स्त्री को जानने-समझने के दावे कभी भी पूरी तरह से सही नहीं रहे हैं, फिर भी स्वाभाविक आकर्षण और विवाह जैसे आवश्यक संस्कारों को सफल और संभव बनाने के लिए स्त्री को जानने की इच्छा और आवश्यकता पुरुष में बनी रहती है। शरीर विज्ञान ने महिलाओं पर किए गए लंबे शोधों के जरिए कुछ ऐसे लक्षण बताए हैं, जिनसे किसी महिला को कुछ हद तक जाना जा सकता है।
अच्छी स्त्री की पहचान क्या है, शरीफ औरतों की पहचान क्या है?
शरीर विज्ञान के अनुसार छोटे मुंह वाली स्त्री पुरुष के लिए शुभ मानी जाती है। लेकिन ध्यान रहे स्त्री का मुंह बहुत छोटा नहीं होना चाहिए, नहीं तो वह विश्वसनीय नहीं मानी जाती।
अगर किसी महिला की नाक छोटी है तो वह कामकाजी है। यदि नाक का अगला भाग लम्बा हो तो ऐसी स्त्री जीवन भर रानी का सुख भोगती है।
जिस स्त्री की गर्दन सुन्दर, सुडौल, चार अंगुल वाली हो, वह श्रेष्ठ मानी जाती है। यदि गले की गुटकीऊँची हो तो स्त्री सौभाग्यशाली होती है। मांसल, सुंदर गर्दन श्रेष्ठता का प्रतीक है।
जिस स्त्री, महिला के गले में तीन नाडि़यां दिखाई देती हैं, वह अपने हस्बैंड के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आती हैं।
अगर किसी महिला की ठुड्डी दो अंगुल की, मांसल व सुंदर हो तो वह स्त्री सौभाग्यशाली होती है।
गाल गोल, सुन्दर और जिन पर नसें जिन स्त्रियों के नहीं दिखाई देतीं, वे दैवीय गुणों की धारक होती हैं।
जिस स्त्री के होठों के बीच में रेखा दिखाई दे वह सौभाग्यशाली होती है। गोल और लाल होंठ वाली महिला अपने पति को प्रसन्न करने वाली होती है।
महिलाओं के दांत नोकदार, सीधी रेखा में, सफेद और एक साथ मिले हुए होते हैं तो अच्छे माने जाते हैं। जिन स्त्रियों के सोलह सोलह दांत ऊपर, नीचे होते हैं और उनका रंग (कलर) गाय के दूध के जैसा होता है, वे पति को बेहद प्रिय होती हैं।
जिन स्त्रियों की जीभ पतली, लाल, कोमल होती है, उन्हें उत्तम पति और सौभाग्य से भरा जीवन प्राप्त होता है।
जिस महिला का हंसते समय मुंह थोड़ा खुला रहता है और दांत दिखाई नहीं देते हैं, वह अपने पति के लिए सौभाग्य लेकर आती है।
हिरण की जैसी आंखें, काली पुतलियां और पलकों पर छोटे छोटे काले बाल, ऐसी आंखों वाली महिला अपने पति के लिए शुभ होती है।
यदि स्त्री की भुजाएं कोमल, बाल रहित और सीधी हों तथा कंधे आगे की ओर झुके हुए और मजबूत हों तो ऐसी स्त्री का जीवन परम आनंद में व्यतीत होता है।
जिस महिला के बाएं हाथ में तिल होता है वह सौभाग्य लेकर आती है। इसके साथ ही जिस स्त्री के गाल, होंठ, हाथ, कान या गले पर तिल होता है उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है।
जिस स्त्री की कमर 24 अंगुल की हो और जिस स्त्री के पेट पर तीन बल या रेखाएं हों, वह पुरुष के लिए सौभाग्य लेकर आती है।
जिन स्त्रियों के तलुवे चिकने, कोमल और ऊर्ध्व रेखा में हों और उन पर शंख, कमल, ध्वज या मछली का चिह्न हो, ऐसी स्त्री अपने पति को अपार धन की स्वामी बनाती है।
यदि किसी स्त्री के पैर की उंगलियां कोमल और जुड़ी हुई हों तो वह अत्यंत सौभाग्यशाली होती है। इसके विपरीत यदि पैर की उंगलियों के बीच की दूरी बहुत अधिक हो तो ऐसी स्त्री धन संचय नहीं कर पाती है।
स्त्री के पैर के शुभ और अशुभ लक्षण
जिस स्त्री के पैर लाल, कोमल और भूमि पर समतल पड़ते हों, पैर की अंगुलियां आपस में जुड़ी हुई, सीधी, गोल, चिकनी और छोटे नाखून हों तो वह सुख-संपत्ति देने वाली होती है। छोटी उंगलियां आयु को बढ़ाती हैं, लेकिन छोटी और विरल उंगलियां धन का नाश करती हैं। जिस महिला की हाथ की रेखाएं गहरी, चिकनी और लाल रंग की होती हैं, वह सुख की निशानी होती है और टेढ़ी व टूटी हुई रेखा दरिद्रता लाती है।
स्त्री के हाथ के शुभ और अशुभ लक्षण
जिस स्त्री की अंगुलियां गोल, लंबी, पतली और मिलाने पर छेद रहित, कोमल और लाल रंग की हो, वह सुख और भोग को प्राप्त करने वाली होती है। जिसके नाखून लाल, कोमल, ऊँचे और चिकने हों, वह ऐश्वर्य को प्राप्त करती है। सूखे, टूटे, टेढ़े, सफेद और अन्य रंग के नाखून दुर्भाग्य और दरिद्रता के प्रतीक हैं। जिस स्त्री के हाथ फटे, सूखे, ऊंचे-नीचे और छोटे-बड़े हों, वह कष्ट पाती है। मणिबंध पर स्पष्ट तीन रेखाएँ और उँगलियों के पर्वों पर समान रेखाएँ अच्छी आयु और समृद्धि का प्रतीक है।
स्त्री के गर्दन के शुभ और अशुभ लक्षण
भविष्य पुराण के अनुसार जिस स्त्री के गले में चार अंगुल की माप वाली तीन स्पष्ट रेखाएं होती हैं, वह आभूषणों से सुशोभित रहती है। कमजोर गर्दन वाली महिला के गरीब होने की संभावना होती है, लंबी गर्दन वाली महिला बांझ होती है और बहुत छोटी गर्दन वाली महिला के मृत बच्चे की संभावना होती है। जिसके दोनों कंधे और उठी हुई गर्दन का पिछला भाग नीचे की ओर हो, उसकी आयु लंबी होती है। जिस स्त्री की भौहें ऊंची, कोमल, सूक्ष्म, आपस में जुड़ी हुई और धनुष की तरह होती हैं, वह भी सुख और सौभाग्य प्रदान करती हैं।
शरीफ औरतों की पहचान (शरीफ औरतों की पहचान के गुण)
दयालुता और विनम्रता – एक महिला जिसमें दया और विनम्रता है। उसे हमेशा सम्मान मिलता है। एक महिला जो अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाती है वह न केवल खुद को नुकसान पहुंचाती है बल्कि पूरे परिवार को भी नुकसान पहुंचाती है। इसलिए नारी को दया और विनम्रता जैसे गुणों को अपनाना चाहिए।
धर्म का पालन – स्त्री को धार्मिक होना चाहिए। उसे ईश्वर और प्रकृति में आस्था रखनी चाहिए। धर्म में आस्था रखने वाली महिला अच्छे-बुरे का फर्क आसानी से समझ जाती है।
बचत करने की प्रवृत्ति – स्त्री का यह गुण आज के आधुनिक समय में बहुत महत्वपूर्ण है। एक महिला को धन संचय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। चाणक्य ने कहा है कि मित्र और पत्नी की परीक्षा तभी होती है जब विपत्ति आती है। इसका मतलब यह है कि पैसे बचाने वाली महिलाओं पर विपत्ति आने पर कष्ट नहीं होता। उनके परिवार को कोई नुकसान नहीं होता है।
मधुर वाणी – स्त्री की वाणी अत्यंत मधुर होनी चाहिए। महिलाओं को कटु वचन नहीं बोलने चाहिए इससे उनकी शोभा खराब होती है। कटु वचन बोलने वाली स्त्री सुन्दर होते हुए भी कुरूप के समान होती है।
साहस – साहस चाणक्य के अनुसार महिलाओं में पुरुषों की तुलना में छह गुना अधिक साहस होना चाहिए। समय आने पर महिलाओं को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।