Information About Taj Mahal In Hindi: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल से जुड़े कुछ ऐसे आश्चर्यजनक तथ्य हैं, जिनके बारे में आज भी लोग नहीं जानते हैं। यहां हम आपको इस खूबसूरत स्मारक ताजमहल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
ताजमहल एक खूबसूरत स्मारक है। यह पति-पत्नी के बीच अपार प्रेम का भी प्रतीक है। ताजमहल इतना खूबसूरत है कि लोग इसे देखते ही इसके दीवाने हो जाते हैं। यही कारण है कि इस अद्भुत स्मारक को देखने के लिए हर साल लाखों लोग आगरा पहुंचते हैं। आपने अब तक ताजमहल के बारे में बहुत कुछ सुना होगा।
आज हम आपको ताजमहल का इतिहास और ताजमहल के बारे में कुछ जानकारी देने जा रहे है। साथ ही इससे जुड़े ऐसे फैक्ट्स के बारे में भी बताएंगे, जिनके बारे में शायद आपने न तो सुना होगा और न ही पढ़ा होगा। इस लेख में आप इसके बनने से पहले से लेकर विश्व धरोहर स्थल के रूप में इसके घोषित होने और इसके संरक्षण तक की पूरी कहानी जान सकेंगे। तो आइये जानते है ताजमहल का इतिहास, ताज महल हिस्ट्री इन हिंदी (Taj Mahal History In Hindi) –
ताजमहल कहाँ स्थित है (Tajmahal Kahan Sthit Hai In Hindi)
ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर स्थित है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।
ताजमहल के बारे में (Taj Mahal Ke Bare Mein)
आगरा शहर दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ताजमहल बनाने के लिए बगदाद से एक कारीगर को बुलाया गया था, जो पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को उकेर सकता था। इसी तरह मध्य एशिया में स्थित बुखारा शहर से जिस कारीगर को बुलाया गया था, वह संगमरमर के पत्थर पर फूल तराशने में दक्ष था। विशाल गुंबद बनाने के लिए तुर्की के इस्तांबुल में रहने वाले कुशल कारीगरों को बुलाया गया था और मीनारों के निर्माण के लिए समरकंद से कुशल कारीगरों को बुलाया गया था।
इस प्रकार ताजमहल के निर्माण से छह महीने पहले कुशल कारीगरों को तराश कर 37 कुशल कारीगरों को इकट्ठा किया गया था, जिनकी देखरेख में बीस हजार मजदूरों ने काम किया। इसी प्रकार ताज के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री राजस्थान के मकराणा, बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, मिस्र, रूस, ईरान आदि से भारी कीमतों पर खरीद कर ताजमहल का निर्माण करवाया गया।
1630 में शुरू हुआ इसका निर्माण कार्य लगभग 22 वर्षों में पूरा हुआ, जिसमें लगभग बीस हजार मजदूरों का योगदान माना जाता है। ताजमहल का मुख्य गुंबद 60 फुट ऊंचा और 80 फुट चौड़ा है।
मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी दूसरी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाया था। मुमताज महल शाहजहां की प्रिय पत्नी थी। वह मुमताज महल से बहुत प्यार करते थे। प्यार की इस निशानी को देखने के लिए हजारों सैलानी दूर-दूर से यहां आते हैं।
ताजमहल के अलावा भी आगरा में देखने लायक कई चीजें –
आगरा का किला (लाल किला) – आगरा का किला यहां की महत्वपूर्ण इमारतों में से एक है। इसे मुगल बादशाह अकबर ने 1565 ई. में बनवाया था। वास्तुकला का यह अनूठा नमूना लाल पत्थरों से बना है। इसमें जहांगीर महल (दीवाने-ए-खास) भी बना हुआ है, जो खूबसूरत शीशमहल के नाम से प्रसिद्ध है।
फतेहपुर सीकरी – अकबर ने आगरा से लगभग 35 किलोमीटर दूर इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया, जो स्थापत्य कला की अनूठी कलाओं से परिपूर्ण है।
मेहताब बाग – मेहताब बाग यमुना नदी के विपरीत दिशा में ताजमहल के पास बना है। अनेक प्रकार के फूलों तथा अनेक पेड़-पौधों से सुसज्जित होने के कारण यह विदेशी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।
रामबाग – रामबाग का निर्माण बाबर ने 1528 ई. में करवाया था। यह ताजमहल के उत्तरी भाग में ढाई किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे मुगलों द्वारा निर्मित सबसे पुराने उद्यानों में से एक माना जाता है।
जामा मस्जिद – इस जामा मस्जिद का निर्माण 1648 ई. में शाहजहाँ की बेटी जहाँआरा बेगम की याद में करवाया गया था। इसके गुम्बदों पर भी सुन्दर नक्काशी की गई है। इतने सालों बाद भी इसकी खूबसूरती जस की तस बनी हुई है।
शाहजहां की पत्नी मुमताज की याद में बना था ताजमहल (Mumtaz In Hindi)
शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था। जिस शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया था, वह उसकी दूसरी पत्नी थी। अपने चौदहवें बच्चे को जन्म देने के बाद मुमताज महल की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि शाहजहाँ अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद इतना टूट गया था कि कुछ ही दिनों में उसके बाल और दाढ़ी सफेद हो गई थी। इसके बाद शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण करवाया, जिसे आज दुनिया का अजूबा कहते है।
किंवदंती है कि शाहजहाँ से मुमताज ने चार वादे लिए थे। पहले वे ताजमहल का निर्माण करेंगे, दूसरा वे उसकी मृत्यु के बाद शादी करेंगे, तीसरा वह बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे और चौथा वह पुण्यतिथि पर मकबरे का दौरा करेंगे। हालांकि खराब सेहत के चलते वह अपना आखिरी वादा पूरा नहीं कर पाए।
आज तक किसी को इस बात का पता नहीं है कि मुमताज की मौत आगरा में नहीं बल्कि बुरहानपुर में हुई थी। इसलिए आगरा में नहीं बल्कि बुरहानपुर में ताजमहल बनना चाहिए था। कहा जाता है कि बुरहानपुर को पहले मकबरे के स्थल के रूप में चुना गया था, लेकिन यह स्थान स्मारक के निर्माण के लिए संगमरमर की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं था, इसलिए मुमताज के अवशेषों को आगरा ले जाकर, वहां ताज का निर्माण शुरू कराया गया।
मुमताज महल कौन थी (Mumtaz Mahal Kaun Thi)
मुमताज़ महल (1 सितंबर 1593 – 17 जून 1631) परसिया देश की राजकुमारी थी, जिसने भारत के मुग़ल शासक शाहजहाँ से शादी की थी। मुमताज महल शाहजहाँ की प्रिय पत्नी थी। वह मुमताज महल से बहुत प्यार करते थे। 1631 में, 37 वर्ष की उम्र में, मुमताज महल (Mumtaz Mahal) की मृत्यु 14वीं संतान गौहरा बेगम को जन्म देते वक्त हो गई थी।
शाहजहाँ का मकबरा (Shah Jahan Ka Makbara)
हम सभी अभी तक यही जानते हैं कि यहां मुमताज का मकबरा है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां शाहजहाँ का भी मकबरा बना हुआ है। आज भी ताजमहल को मुमताज के मकबरे के नाम से जानते है।
ताजमहल के निर्माण की लागत (Taj Mahal In Hindi)
उस समय ताजमहल के निर्माण की लागत 3.2 करोड़ रुपये आंकी गई थी। आज इस कीमत पर सिर्फ एक कोठी बनती है। इसके निर्माण के लिए पूरे मुगल साम्राज्य, मध्य एशिया और ईरान से राजमिस्त्री, पत्थर काटने वाले, बढ़ई, चित्रकार, गुंबद बनाने वाले और अन्य कारीगरों को बुलाया गया था। इसके मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार ताजमहल को बनाने में 20,000 कारीगरों को लगाया गया था।
ताजमहल भी बदलता है रंग (Taj Mahal Color In Hindi)
ताजमहल दिन में कई बार अपना रंग बदलता है। ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है, इसलिए जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो यह पीला हो जाता है। वहीं, शाम के समय यह नीला दिखाई देने लगता है।
मजदूरों के हाथ काटने की कहानी झूठी
हमें बताया जाता है कि ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ ने मजदूरों के हाथ काट दिए थे। लेकिन इतिहासकारों के मुताबिक यह कहानी पूरी तरह से झूठी है। मजदूरों के हाथ काटने का आदेश मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने नहीं दिया था।
सर बहुत ही बेहतर जानकारी मिली, ताजमहल के बारे में, हम आपका साथ है सर,