अपनी आमदनी का खुलासा - आचार्य चाणक्य के मुताबिक चाहे कोई, कितना भी सगा क्यों न हो, उसे अपनी आमदनी और उसके स्रोत कभी नहीं बताने चाहिए।
आपकी आमदनी का पता चलने पर लोग आपके स्तर को आंकने लगते हैं। साथ ही लोगों की बुरी नजर लगने का भी अंदेशा रहता है।
अपनी ताकत या कमजोरी - चाणक्य नीति में कहा गया है कि आप कितने ताकतवर या कमजोर हैं।
इसके बारे में कभी भी दूसरों को नहीं बताना चाहिए। ऐसा करने से विरोधी आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं, जिसमें आपको पराजय झेलनी पड़ सकती है।
दान-पुण्य का उल्लेख - आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आप कहां पर कितना दान करते हैं, इसका जिक्र कभी भी किसी से नहीं करना चाहिए।
दान देने के बाद उसका ढिंढोरा पीटने से सारा पुण्य फल खत्म हो जाता है। साथ ही जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गुजरे जमाने की बातें - चाणक्य नीति के अनुसार हर वक्त के अतीत में कुछ न कुछ अच्छा या बुरा हुआ होता है।
ऐसे में भूलकर भी अपने अतीत में घटी घटनाओं का दूसरों के सामने वर्णन नहीं करना चाहिए।
ऐसा करने से दूसरे लोग उन्हीं बातों को आधार बनाकर आप पर उंगली उठाने से बाज नहीं आएंगे।