आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया है जो हर परिवार के मुखिया में होनी चाहिए।
घर का यदि मुखिया समझदार हो और उसमें कुछ खासियतें हों तो ऐसा परिवार हमेशा खुशहाल और सुरक्षित रहता है। ऐसे परिवार पर कभी कोई आंच नहीं आती है और यदि समस्या आ भी जाए तो घर का मुखिया अपने परिवार की आराम से रक्षा कर लेता है।
परिवार के सबसे बड़े या प्रमुख व्यक्ति की परिवार में अहम भूमिका होती है।
यदि परिवार का ये मुखिया हमेशा सभी सदस्यों को प्यार की डोर में बांधकर रखे तो ऐसे परिवार में ना तो कभी कलह-झगड़े होते हैं और ना ही कोई दुश्मन ऐसे परिवार का कुछ बिाड़ पाता है।
घर के मुखिया का बेहद जिम्मेदार और समझदार होना जरूरी है।
उसे हमेशा चीजों को गहराई में देखकर और भविष्य को देखते हुए निर्णय लेना चाहिए। ना कि उसे सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करके परिवार का नुकसान करना चाहिए।
साथ ही जब वह पूरी देख-परख के बाद निर्णय ले तो उस पर अडिग भी रहे।
घर के मुखिया की जिम्मेदारी है कि आड़े वक्त के लिए वह कुछ जमापूंजी बचाकर रखे ताकि मुश्किल समय को भी परिवार आसानी से निकाल पाए।
साथ ही उसे परिवार के आत्मसम्मान और इज्जत के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ा।
इसके लिए उसे अपनी और परिवार की फिजूलखर्ची पर हमेशा लगाम लगाकर रखनी चाहिए।