बुरे हालात में भी किसी को न बताएं अपने ये राज

आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्‍त्र चाणक्‍य नीति में कहते हैं कि जीवन में उतार-चढ़ाव और चुनौतियां आती हैं। 

लेकिन व्‍यक्ति को कुछ खास स्थितियों में धैर्य से काम लेना चाहिए और उनका जिक्र किसी से नहीं करना चाहिए। 

अपने इन दुखों या समस्‍याओं का हर किसी के सामने जिक्र करना बड़ी मुश्किल में डाल सकता है और आपको ज्‍यादा दुखी कर सकता है। 

 वरना लोग आपके साथ व्‍यापार करने में कतराने लगेंगे, इससे आपके हालात और खराब हो सकते हैं। साथ ही आप अपना सम्‍मान भी खो देंगे। 

पति या पत्‍नी में अवगुण होना या रोज-रोज झगड़े होना अच्‍छी बात नहीं है। इससे पूरे परिवार पर बुरा असर पड़ता है। 

बेहतर होगा कि आप रिश्‍ते सुधारने के लिए कोशिश करें। साथ ही हमेशा ध्‍यान रखें कि पति-पत्‍नी के बीच के झगड़े की बात किसी को न बताएं ना। ही एक-दूसरे की बुराई बताएं। 

वरना झगड़ा भले ही खत्‍म हो जाए लेकिन लोगों की नजर में आपकी छवि हमेशा के लिए खराब हो जाएगी। साथ ही आपका दांपत्‍य जीवन दूसरों के लिए मजाक बन जाएगा।  

यदि किसी कारणवश आपका अपमान हो जाए तो ये बात कभी किसी को नहीं बताएं। 

अपने अपमान की बात अपने ही अंदर दबा लेना ठीक है, इसे हर किसी को बताना उनकी नजरों में भी अपने सम्‍मान को कम करना है।