मन का चंचल न होना - चाणक्य कहते हैं कि शादी शुदा ज़िंदे में सबसे ज़रूरी है आपका मन चंचल न हो।
चंचल मन रिश्तों की गहराई को नहीं समझ पाता है। जब मन शांत होता है तो अच्छे और बुरे का अंतर करना आसान हो जाता है।
खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए मानसिक शांति बहुत जरूरी है तभी पति-पत्नी के बीच सामंजस्य बनता है।
एक-दूसरे के लिए हो सम्मान - शादीशुदा जीवन में सब ज़रूरी है कि आप दोनों एक दूसरे को मान-सम्मान और इज़्ज़त दें।
व्यक्ति जब दांपत्य जीवन में जीवनसाथी को भी उतना ही सम्मान देता है जितना उसे मिलता है तो ऐसे रिश्ते कभी नहीं टूटते।
रिश्तों में घमंड और ईगो की कोई जगह नहीं होती।
संतुष्ट होना - रिश्तों की गाड़ी सही तरीके से आगे बढे इसलिए संतुष्टि बहुत ज़रूरी है।
जितना पाया है उतने में खुश रहना यह सोच आपके शादीशुदा जीवन को और आपको एक इंसान के रूप में और बेहतर बनाता है। साथ ही आगे बढ़ने के लिए लगातार एक दूसरे को प्रोत्साहित करना चाहिए।