आखिरी सांस तक साथ रहते हैं ये साथी, आंख मूंदकर कर सकते हैं भरोसा

आखिरी सांस तक साथ रहते हैं ये साथी, आंख मूंदकर कर सकते हैं भरोसा

कलयुग का कड़वा सच है कि गंभीर बीमारी में तो अपने भी साथ छोड़ देते हैं। बस एक औषधि ही ऐसी साथी है जो मृत्यु तक मनुष्य का साथ निभाती हैं। औषधि यानी दवा से ही सेहत में सुधार आता है। 

धर्म - धनों में उत्तम शास्त्र-ज्ञान है, लाभ में उत्तम नीरोगी काया और सुखों में उत्तम संतोष है। 

 चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति का शरीर भी उसका साथ छोड़ देता है लेकिन जो मृत्यु के बाद भी साथ भिभाए वो होते हैं उसके कर्म। 

धर्म-कर्म के काम करने वाला कभी गलत मार्ग पर नहीं जाता है। व्यक्ति के पुण्य ही उसे मृत्यु के बाद भी लोगों के बीच जीवित रखते हैं। 

विद्या - विद्या मनुष्य का वो धन है जो खर्च करने पर भी कभी खत्म नहीं होता। 

चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान व्यक्ति का वह मित्र है जो हर घड़ी उसके साथ होता है। इसकी बदौलत ही वह प्रतिकूल परिस्थिति में भी कामयाबी हासिल कर लेता है। 

चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान जहां से मिले उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। विद्या ही मनुष्य की वास्तविक शक्ति है। संसार की हर वस्तु नष्ट हो जाती है ज्ञान मरते दम तक इंसान का साथ नहीं छोड़ता।