झूठ बोलना, अत्यधिक साहस, छल करना, बेवकूफी करना, लालच ये दोष कुछ स्त्रियों के स्वभाव में जन्म से ही होते हैं।
झूठ बोलना - आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो स्त्री बात-बात पर झूठ बोलती हैं। ये अवगुण बचपन से ही रहता है। ऐसी स्त्री भरोसे लायक नहीं होती।
क्योंकि जरूरत पड़ने पर और खुद को बचाने के लिए, ऐसी स्त्री खुद को बचाने के लिए झूठ बोल सकती है।
अत्यधिक साहस - आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो स्त्री अत्यधिक साहसी होती हैं वो बिना सोचे समझे कोई भी कदम उठा लेती हैं। जो स्त्री बिना सोचे समझे फैसला लेती हैं, उनसे दूरी ही भली है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्री खुद के साथ साथी को भी खतरे में डाल सकती है। ज्यादा साहस अक्सर मुसीबत का कारण बन सकता है।
धोखा देना - चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो स्त्री छलने में माहिर होती हैं वो अक्सर अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों या मीठी-मीठी बातों में फंसाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेती हैं। लेकिन समय आने पर वो अपना पल्ला भी झाड़ लेती है पीछे मुड़कर भी नहीं देखती।
मूर्खता करना - आचार्य चाणक्य ने श्लोक में बताया है कि अक्सर स्त्रियों कुछ ऐसे काम कर देती है जिनका अर्थ नहीं होता। ऐसे कामों से बाद में पछताना पड़ता है, ऐसी महिलाएं दूसरों की बातों में छट से आ जाती है।
लोभी स्त्री - आचार्य चाणक्य बताते हैं कि स्त्री अगर धन की लोभी हो तो वो इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है और दूसरों को हानि पहुंचा सकती हैं।
इन महिलाओं में सही गलत की समझ नहीं होती है। सिर्फ पैसों का मोह होता है, जो गलत रास्ते पर ले जा सकता है।