बड़ी किस्मत वालों को मिलती हैं ऐसी महिलाएं, परिवार का रखती हैं पूरा ख्याल

स्त्रियां बहुत ही नाजुक मानी जाती हैं। उनकी संवेदनशीलता इतनी होती है कि वो हर बात पर रोने लगती हैं चाहे वह खुशी की बात हो या दुख की। आचार्य चाणक्य का कहना है ऐसी महिलाएं किसी से कम नहीं होती हैं। चिल्लाने और रोने वाली महिलाओं का चरित्र थोड़ा अजीब होता है लेकिन जिसका भी विवाह ऐसी महिला के साथ होता है तो उसके नसीब खुल जाते हैं। आइए जानते हैं ऐसी महिलाओं में क्या गुण होते हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं के अंदर पुरुषों की अपेक्षा सहनशीलता अधिक होती है। ऐसे में जब भी कोई स्त्री बात-बात पर रोती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह मनहूस है बल्कि हर व्यक्ति को ऐसी महिला की कदर करनी चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्रियां सच्चे विचार वाली मानी जाती हैं।

आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो स्त्रियां बात-बात पर रो जाती हैं, वो लड़कियां अपने प्रेमी या पति से कभी दूर नहीं होना चाहती हैं। ऐसी स्त्रियां परिवार के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार कोमल हृदय वाली स्त्रियां हर किसी की भावनाओं की कद्र भी करती हैं। ऐसी स्त्रियों को कभी खोना नहीं चाहिए।

आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार जो स्त्री गलती न होने पर भी रोने लगे उसके अंदर ममत्व की भावना रहती है और अपने इसी गुण के कारण वह स्त्री परिवार को जोड़ कर चलती है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं के रोने और चिल्लाने से कई तरह की गंभीर बीमारियां खत्म हो जाती हैं और रोने से मन हल्का भी हो जाता है। चाणक्य के मुताबिक रोने से तनाव आदि भी खत्म हो जाता है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि रोने वाली महिलाएं किसी का भी दिल नहीं तोड़ती हैं। ये महिलाएं हमेशा दूसरों की भावनाओं की कद्र करती हैं। ज्यादा रोने वाली महिलाएं खुद भूखी रह जाती हैं, लेकिन दूसरों का पेट भरने में कोई भी कसर नहीं छोड़ती हैं।