चाणक्य नीति के अनुसार, मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। शत्रु के सामने आपको अपनी हार नजर आ रही हो तब भी धैर्य न खोएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आधी लड़ाई आप बिना लड़े ही जीत जाएंगे।
चाणक्य नीति के अनुसार, मनुष्य को अपने क्रोध पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि गुस्से में कभी-कभी व्यक्ति अपना विवेक खो देता है और ऐसे फैसले ले लेता है जो उसके लिए सही नहीं होता। ऐसे में दुश्मन को मौका मिल जाता है। इसलिए हर पहलू को ठंडे दिमाग से सोचें, समझें और फिर कदम उठाएं।
चाणक्य नीति के अनुसार, यदि शत्रु हमसे अधिक शक्तिशाली है तो उसके अनुकूल चलना चाहिए, उसे किसी भी तरह का मौका नहीं देना चाहिए। इसके अलावा यदि दुश्मन आपकी तरह ही बलवान है, तो आप उसे अपनी नीतियों में फंसाइए ताकि वह बाहर न निकल सके।