7 चिरंजीवी के नाम – पृथ्वी का एक नाम मृत्युलोक भी है क्योंकि जिसने भी यहां जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पूरे ब्रह्मांड में सात लोग ऐसे हैं जो अमर हैं यानी उनकी कभी मृत्यु नहीं होगी। ये सभी लोग किसी श्राप, नियम, वरदान या वचन के कारण अमर हैं और इन सभी में कई दैवीय शक्तियां भी विद्यमान हैं। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको उन 7 चिरंजीवी के बारे में जानकारी देने वाले है। तो आइये जानतें है पृथ्वी पर अमर कौन कौन है –
7 चिरंजीवी के नाम (7 अमर लोगों के नाम) – 7 Chiranjeevi Name In Hindi
7 चिरंजीवी या 7 अमर लोगों के नाम है -हनुमान जी, परशुराम भगवान, अश्वत्थामा, महर्षि व्यास, विभीषण, कृपाचार्य, और असुर राज बलि।
1) हनुमान जी
राम भक्त श्री हनुमान जी महाराज को भी अमरत्व का वरदान प्राप्त है, जब भगवान श्री राम अपनी लीला समाप्त करके अयोध्या छोड़कर वैकुंठ जाने लगे, तब भगवान श्री राम ने उन्हें वरदान देते हुए कहा था कि जब तक पृथ्वी पर मेरा नाम रहेगा, तब तक आप भी पृथ्वी पर विराजमान रहोगे, उसके बाद प्रलय के बाद जब पृथ्वी का सृजन होगा तब आप भक्ति रूप में प्रचार-प्रसार करेंगे।
2) परशुराम जी
भगवान परशुराम, जिन्हें श्री हरि विष्णु का छठा अवतार माना जाता है, को अमरता का वरदान प्राप्त है। वैसे तो उनका नाम राम था, लेकिन भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें एक फरसा दिया था जो हमेशा उनके पास रहता था, जिसके कारण उनका नाम परशुराम भी पड़ा। भगवान परशुराम का वर्णन तीनों युगों – सत्ययुग, द्वापरयुग और त्रेतायुग में मिलता है। भगवान परशुराम अत्यंत शक्तिशाली थे और उन्होंने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन कर दिया था।
3) विभीषण जी
लंका के राजा रावण के छोटे भाई और राम भक्त विभीषण को भी अमरता का वरदान प्राप्त है। राम-रावण युद्ध में सत्य का साथ देने वाले महाराज विभीषण ने अपने भाई को छोड़कर भगवान श्री राम के चरण पकड़ लिए, जिसके फलस्वरूप भगवान श्री राम ने रावण का वध करके स्वयं लंका पर आधिपत्य स्थापित नहीं किया बल्कि विभीषण को लंका का राजा बना दिया।
4) राजा बलि
दैत्यराज बलि ने अपने बल और पराक्रम से देवताओं को पराजित कर समस्त लोकों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया था, जिससे परेशान होकर देवताओं ने श्रीहरि के पास जाकर उनसे विनती की। तब भगवान ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से भिक्षा में सब कुछ मांग लिया और बालक वामन के लिए भी उन्होंने खुशी-खुशी अपना सब कुछ त्याग दिया। इससे प्रसन्न होकर भगवान श्री हरि ने उन्हें अनंत काल के लिए पाताल लोक का राजा नियुक्त कर दिया और आज भी यह माना जाता है कि राजा बलि पाताल लोक पर राज कर रहे हैं।
5) वेद व्यास जी
भगवान श्रीहरि के अंश कहे जाने वाले महर्षि वेद व्यास जी सांवले रंग और समुद्र के मध्य एक द्वीप पर जन्म लेने के कारण उन्हें “कृष्ण द्वैपायन” भी कहा जाता है। वे महर्षि पराशर और माता सत्यवती के पुत्र थे और श्री शुकदेव जी महाराज के पिता थे।
6) अश्वत्थामा
गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को एक श्राप के कारण अमरत्व प्राप्त हुआ। अश्वत्थामा के माथे पर अमर मणि सुशोभित थी जिसे अर्जुन ने दंड स्वरूप निकाल दिया था और भगवान श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को अनंत काल तक भटकने का श्राप दिया था जिसके कारण आज भी अश्वत्थामा पृथ्वी पर इधर-उधर भटक रहा है और अपने कर्मों की सजा भुगत रहा है। आज भी अश्वत्थामा को कुरूक्षेत्र आदि स्थानों पर देखे जाने के दावे किये जाते हैं, लेकिन आज तक उन दावों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिल पाया है।
7) कृपाचार्य
कृपाचार्य कौरवों और पांडवों दोनों के गुरु थे। वह महर्षि गौतम शरद्वान के पुत्र थे। कृपाचार्य को भी भगवान श्री कृष्ण के विशाल रूप के दर्शन प्राप्त हुए थे, उन्हें सप्तर्षियों में से एक माना जाता है और वे महाभारत युद्ध में अपनी निष्पक्षता के लिए प्रसिद्ध थे, उन्होंने दुर्योधन को पांडवों के साथ संधि करने के लिए समझाया था, परन्तु दुष्ट दुर्योधन ने एक भी न सुनी। इन्हीं कारणों से उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त हुआ।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के इस लेख में हमने आपको पृथ्वी पर अमर कौन कौन है – 7 अमर लोगों के नाम (7 Chiranjeevi Name In Hindi) के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है आपको यह लेख अच्छा लगा होगा, अगर आपको यह लेख 7 चिरंजीवी के नाम (7 Chiranjeevi Ke Naam) अच्छा लगा है तो इसे अपनों के साथ भी शेयर करे।